अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस

आज दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्रवसन (International Migration) को लेकर लोगों में जागरुकता और सकारात्मक सोच की जरूरत है. वैश्विक शांति के लिए बहुत जरूरी है कि दूसरे देशों में काम की तलाश या अन्य वजहों से बसे लोगों की समस्याओं को गंभीरता से समझा और सुलझाया जाए. इसी लिए हर साल 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस (International Migrants Day 2021) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को इस बात के लिए शिक्षित करना है कि हर प्रवासी (Migrant) का सम्मान के साथ व्यवहार करना मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है. आज सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि प्रवसन एक बहुत बड़ी समस्या है जबकि यह एक अवसर की तरह होना चाहिए.
क्या है प्रवसन और कौन होते हैं प्रवासी
दुनिया में लोगों का अंतरराष्ट्रीय सीमा पारक किसी वजह से बसने को अंतरराष्ट्रीय प्रवसन कहते हैं. ऐसे लोगों को ही प्रवासी कहा जाता है.प्रवासी अपना आवास हमेशा के लिए छोड़कर दूसरी जगह या दूसरे देश में अपने घर बनाते हैं. दूसरे देशों में जाकर बसने वालों के अंतरराष्ट्रीय प्रवासी कहते हैं. प्रवासियों की समस्याएं आम लोगों से थोड़ी हटकर होती है जो अधिकांशतः उनके जीवन को कठिन बना देती है.
बड़ी और अलग ही तरह की चुनौतियां
यह दिन अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी के चलते प्रवासियों को दुनिया भर में भारी संकट का सामना करना पड़ा. प्रवसन एक बहुत बड़ी समस्या है जिसमें सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक पहलू निहित हैं इस पर दुनिया में अलग अलग स्तर पर अलग तरह की प्रतिक्रियाएं होती है.
क्या है इतिहास
18 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी प्रवासियों के अधिकारों और उनके परिवारों को संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाया. 4 दिसंबर 2000 को महासभा ने दुनिया में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया.